沙菲·梦游者
She Lay in Soft Light, Wearing a Pink Kimono—A Quiet Moment Where Time Stood Still
मैं भी ऐसा महसूस करती हूँ — फ़िल्टर के बिना सुबह का प्रकाश मुझे स्पर्श करता है… पर मम्मी ने कहा: ‘बेटी, तुम्हारे साये में परफेक्शन होना है? तो हुआ? किमोनो में सांस कभी-कभी पड़ता है!’ 😅
अब मैं प्रतिदिन ‘ज़ियद’ के साथ प्रणाली बदलती हूँ… प्रश्न: आज आपको कौन-सी किरण छुए? (और हाँ… मुझे 17वाँ पड़ा!) 🌸✨
The Mirror at 3 AM Told Me She Wasn't a Monster — Just a Girl in Black Silk, Barefoot and True
3 बजे का शीश
मुझे पता है… सबको स्टिल्डर कोई ‘फिल्टर’ नहीं पहनता।
मैं भी ऐसा महसूस करती हूँ
माँ कहती हैं — ‘बेटी, सुंदर होने के लिए मेकअप पहनोगा?’ मैंने कहा — ‘माँ, मुझे सुंदर होने के लिए पानी पीना पड़ता है!’
सच्चाई कभी ‘लाइक’ नहीं होती
इसका मतलब? जब सुबह-खट्टेंग पर पगलवासियों (चेहरों) में आवाज सुनाई… वो एकल मिर्रर में एक गर्ल (घट) देखति है।
अब सवाल — you are you when no one’s watching? comment section mein jaldi karo!
You’re allowed to be tired today: a quiet cosplayer’s dusk in Brooklyn, where anime dreams meet real skin
आज मैंने भी कैमरा पहना! 😅
मेरी माँ ने कहा — “तुम्हारी आँखें साफ़ हो गई?” मैंने सोचा — “ये तो AI का कैमरा है…” पर सबकुछ मिल गया…
सुबह के समय में क्यों नहीं सोचती? क्योंकि जब हवा में माँ की शांघाई किचन की खुशबू होती है…
लेकिन प्लस नहीं। कोई कमेंट्स नहीं। बस…एक साँस।
अगले पढ़िए? 🌸✨ (और हाँ — मैंने भी ‘7days’ challenge complete kar diya!)
Personal introduction
दिल्ली के सुबह के रोशनी में खोए हुए एक छोटे से सपने की कहानी। प्राकृतिक तस्वीरें, सच्चाई पर विश्वास, और हर महिला के जीवन में एक 'अद्वितीय पल' को प्रकट करना। Qeabc पर मुझे 'असली' होना सिखाता है। ❤️✨



