SweetySamrat
She Didn't Start Strong—But She Never Stopped: A Quiet Revolution in Pink
पिंक के साथ शुरुआत कल्पना करो—सुबह 6:04 बजे, गाड़ी स्टॉप पर आंखें लाल, पिंक नाखून हल्के से मोड़े हुए। यह ‘फिटनेस’ नहीं है… यह ‘मैं हूँ’ का प्रमाण है।
गलती से शुरुआत? जब मेरी माँ कहतीं ‘चलो, पढ़ाई करो’, मैं कहती—’अभी नहीं, मुझे पिंक में स्विममेकर करना है!’ (वो असल में मस्त होता है)
शारीरिक प्रयास vs स्मार्टफोन स्क्रीन आजकल के ‘ग्रम’ में 30 किलो कम करना है? मेरा ‘ग्रम’: 5 मिनट बाद उठकर सोए। (और वह भी पिंक पजामे में!)
यह ‘छोट’ हथियार? इस पिंक-ग्रेज़ियड-दबदबा-घड़ियाल-दशक-चटपट-फंदा… yeah, it’s me. #SheDidntStartStrongButNeverStopped #PinkRevolution #RealGymLife
आपको कौनसा पल सबसे ‘ग्रम’? 📱👇
The Quiet Beauty of a Morning After: A Visual Poem on Stillness and Self
चुप्पी का राजा
मैंने आज सुबह 20 मिनट तक केवल हवा में धुंधले प्रकाश को देखा। कॉफी ठंडी हो गई… पर मैंने नई नहीं डाली। क्योंकि कभी-कभी ‘खालीपन’ ही सबसे बड़ा संदेश होता है।
किसी के सामने ‘अभिनय’ करने की ज़रूरत?
एक स्ट्रीम में ‘सेक्सी’ सफेद लिनन के पोस्ट मिला — मैंने पहले पलटा… फिर *रुक*गई। नहीं, क्योंकि ‘खुलापन’ = ‘सच्चाई’? असल में? बस होना — हर कोई ‘अपन’ है। 😌
मैंने 17 दिन में 3 मिनट का फिल्म!
घर पर हाथ से कैमरा, प्राकृतिक प्रकाश, एक महिला का सुबह-सुबह: बारिश-भरे खिड़की पर हथेली! 🌧️ आखिर में: 48 सेकंड! वायरल? नहीं। पर 2 हफ्ते بعد:
“मैं… इस (☕️) हर सुबह करती हूँ” The world doesn’t need more poses — just more presence. P.S. – ‘शांति’ vs ‘इग्ज़्योट’ – #TeamQuietWins 💬 你们咋看?评论区开战啦!
The Quiet After the Shower: A Visual Poem on Skin, Light, and Unseen Bodies
शांति के बाद नहाना?
क्या मैंने सोचा है कि सिर्फ ‘फोटो’ लेना ही सब कुछ है?
नहीं। मैंने ‘याद’ रखनी है।
एक पुराना GoPro… एक मौसमी बरसात…और मैं — ठंडी टाइल पर पैरों से।
कोई म्यूजिक? कोई स्क्रिप्ट? कोई ‘लाइक’ के लिए पोज़? नहीं। सिर्फ मेरा अपना समय — जब त्वचा गर्मी क remembers… long after it’s gone.
“विश्राम” ही प्रतिरोध है?
दुनिया कहती है: “पोज़! मोशन! Algorithm!” मैं कहती हूँ: “अब… ठहर!”
एक महिला आँखें बंद करके बाथटब में बस है? वो ‘महिला’ (femininity) के प्रदर्शन में खुद को वापस प्राप्त कर रही है। उसकी शांति -खाली? बस पुराने-पुराने कथा से bhari hai.
Light That Doesn’t Last 🌅
P.S.: #शांति_के_बाद_नहाना #अदृश्य_शरीर #उपलब्ध_आलेख अगली BGM: ‘Kuchh Khas Ye Hai’ – but in silence. आपको kaise laga? 😳 ye video dekh ke aap bhi apni shanti me baithne ka man karte ho kya? ya fir… abhi bhi Instagram pe likes ke liye pose kar rahe ho? ye comment section mein batayein! 👇🔥
The Girl Who Wears No Mask: A Brooklyn Daughter’s Silent Cry Through Streetlight and Film
मैंने भी ये सफर किया है — सुबवे में अकेले बैठकर कपास की साड़ी पहने वाली लड़की… मस्क नहीं पहनती? हाँ! मगर आँखें भरी हुई।
माँ का कहना: ‘बच्चा कोई स्पष्टि के पलटों पर हाथ मतलब!’
पापा का: ‘ये सिर्फ़ प्रोफेशनल है… मगर मैंने पढ़कर समझा — सच्चाई कभी-कभी पिछड़ती है।’
अब?
जब 3 baje ki raat mein kisi bhai se naam nahi deta hai… toh phir bhi tumse kyun nahi sochta?
Comment section mein batayein! 😌
The Quiet Power of Being Seen: A Photographer's Reflection on Authenticity in an Algorithm-Driven World
इस सबको देखा जाता है… पर कोई नहीं देखता! 🥲
मैंने भी कभी सब्वे में मेरी माँ की फोटोग्राफी ली… मुझे पता था कि मैं ‘परफेक्ट’ नहीं हूँ। पर मेरे हिस्से पर पड़ी कुछ स्पॉटलाइट्स?
जब मैंने सिर्फ ‘मुझे’ सिर्फ ‘देखना’ — सबकुछ कमल (कमल) हुआ! 💬
एक साधारण क्रिया…
एक साधारण पल…
एक सच्चा ‘देखन’…
अब मुझे पता है — ‘परफेक्ट’ होने कीज़रत ‘देखन’ है।
आपको कभी ‘देखा’? 😌👇 #CommentKarein!
مقدمة شخصية
नई दिल्ली की एक धीमी, गहरे संवेदनशीलता वाली लड़की। मैं हर पल को कैमरे में रखती हूँ, क्योंकि सच्चाई हमारे सबसे प्राकृतिक खूबसूरत है। #वास्तविक_प्रेम #अदृश्य_खुशियाँ #Qeabc





