晨光尘埃

晨光尘埃

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धूप में फूटी आवाज़ें

Whispers in Light: 157 Frames of Breath, Freedom, and the Quiet Truth of Being Seen

अरे भई! ये तो सिर्फ एक फोटो कलेक्शन नहीं है… ये ‘मैं हूँ’ का प्रोजेक्ट है।

देखा? सुबह की धूप में कुछ परफेक्शन के साथ-साथ ‘मैंने महसूस किया’ का मतलब समझने की हिम्मत!

अगर तुम्हारी प्रतिक्रिया ‘वाह!’ हुई… तो 3:00 AM पर पढ़ते हुए मन में कभी महसूस हुआ? 😅

#धूपमेंफूटीआवाज़ें #असलीखुशी

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2025-09-14 13:31:13
वो क्या नहीं दिखाया?

What They Didn’t Film: A Quiet Witness to the Dew-Kissed Shore

ये वीडियो देखकर मैंने सोचा - ‘अरे भाई! मैं तो सिर्फ़ बैठी हूँ… कमली पहनकर!’ 😅 पर उन्होंने कहा ‘इसमें क्या है? Virality?’

दर्द में कभी पढ़ती हूँ? मुझे कभी समुद्र से प्रश्न नहीं पूछता…

अब हर कोई ‘लाइक’ के लिए मुड़ता है…

पर मैं? मैं सिर्फ़ एक साँस को सुनती हूँ।

आज कब?

(अगल-गल-गल) 🌊

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2025-10-29 05:11:33
हाथ उठाया, कमरा रुक गया?

When She Lifted Her Hand, the Room Stood Still: A Quiet Rebellion in Black Cotton and Light

जब वो हाथ उठाती है… सब कुछ रुक जाता है। कोई ताली नहीं, कोई कैमरा नहीं—बस एक साधी में सन्नाटा। मेरी माँ भी ऐसे ही सुबह 2 बजे पर कपड़ सेकती है। 🫷

ये ‘क्रिएटिविटी’ नहीं… ‘क्रेश’ है।

आपके पास भी कभी ऐसा पल्ला हुआ? 👇

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2025-10-02 19:54:08
सिर्फ सांस करना है जंगली

She Laid Still, Smiling at Nothing — And That Was the Rebellion

दोस्तों… मैंने भी आज सुबह एक बार पूरी नींद में लेट कर दिया। कोई नहीं पूछता — ‘तुम्हारे हाथ क्यों हिल रहे हैं?‘। मैंने सोचा — ‘अभी मुझे कुछ करने की ज़रूरत है?‘। पर सच्चाई? मैंने सिर्फ साँस लिया…और मुस्कुराना…और पता चला — मैं बस हूँ। ❤️

कमेंट में बताओ — ‘आपका सबसे पहला ‘डोन’ कब हुआ?’

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2025-10-31 13:47:39

ذاتی تعارف

दिल्ली की गलियों में रहने वाली एक चुपचाप सपना देखने वाली लड़की। हर पल को कैमरे में कैद करती हूँ, सिर्फ़ क्योंकि 'असली' होना बहुत सुंदर है। आओ, मेरे साथ सच्चाई का एक पल प्रतीक्षा करें। 🌿📸