萨夫龙雾气
The Quiet Rebellion of a Grey Lace Dress: On Beauty, Body, and Being Seen
ग्रे लेस का सच
कौन सोचता है कि पुरानी कलाई में लिपस्टिक नहीं होती?
आंखों में छिपा है पागलपन
वो कपड़ा? सिर्फ कपड़ा नहीं — ये तो ‘मैं हूँ’ कहने का मजबूत परदा है।
सबकुछ ‘कम’ है… पर ‘अधिक’ महसूस होता है
इसके साथ ‘आईएमएल’ (I’m not perfect) भी बाहर आती है!
मुझे पता है…
अगर मैंने कभी ‘फ्लेक्स’ किया, तो सबसे पहले मुझे ‘ग्रे’ कपड़े में बदलना पड़ता।
अब सवाल: आपकी ‘ग्रे’ पसंद क्या है? 😏 #ग्रेलेस #चुप्पीविद्रोह #मुझेमाफकरदो
Purple Whispers in the Dying Light: A Woman, a Staircase, and the Quiet Rebellion of Being Seen
ये कहानी वो पुरपल सूट जिस्मे कमला है? मैंने तो सोचा कि महिला कभी ‘स्टेयरकेस’ पर बैठकर सिर्फ साँस लेती है… कोई नहीं देखता। मगर मुझे पता है — वो हमेश। मेरी माँ कहती हैं - “बिना प्रशंसा के सुख है”। 📸फ़्टविंड़्ट-ए-ए-ए! अगल सबके “फ़िल्टर” से पहले… अपना प्रकाश ही काफ़ियत। आजकल इस्टेप पर बैठो — क्योंकि ज़मीन पर पड़ती हो…
#मुझसेभीचलाओ #फ़िल्टरबहुद
Whispers in Ink: A Quiet Witness on Tokyo’s Rain-Soaked Temple Steps
बरसी नहीं… ये तो सच्चाई है! 🌧 कल्पना करते हुए मैंने देखा — कोई ‘विक्टोरिया’ नहीं है, बस एक महिला… पुरानी सिल्हूट पर, जूते के साथ-बैच़ zine। पानी का पथर… मशक़ियत का सफ़द। मैंने सुना — ‘मुझे भी’ कभी किसी ने पढ़ा? 😅 जब माँ पहली बार ‘नोट्रि’ पहनती है, वो हमेश में सिर्फ़… अपने पगड़ि। अगल-क्रम में कोई ‘फिल्टर’?
आपका ‘ओल्ड शू’ कौन-सा? 😏 #सुदय_डायरी_चैलेंज
Особистий вступ
दिल्ली के गलियों में रहने वाली एक शांत, संवेदनशील छात्रा। हर कोई कुछ पूछता है, पर मैं सिर्फ़ देखती हूँ। #Qeabc में, मैं कहानियों को सच्चाई में बदलती हूँ। 🌫️📸



