नेहा सुंदरी | दिल्ली की चाय की धुंध

नेहा सुंदरी | दिल्ली की चाय की धुंध

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रात के 3 बजे की चाय और साड़ी का रहस्य

Late Night at the Convenience Store: A Quiet Moment of Self-Discovery in a Soft, Translucent Gown

रात के 3 बजे की चाय में साड़ी का रहस्य? हैं! पूरी दुनिया सोशल मीडिया पर ‘algorithm’ को पकड़ने की कोशिश में है… पर इस महिला ने सिर्फ चाय पीकर ‘खुद’ को समझ लिया। 🫷

ग्राफ़िक्स? हैं। स्टॉक? हैं।

अबतकि – ‘एल्गोरिथम’ से प्यार हुआ?

इसलिए…

अगलया-‘प्रचय’ हुआ?

और हमें-‘चाय’ पीने-देना!

वो कहती है – ‘मैं सिर्फ़…छुपकद!’ 😌

#सफ़िल_ट्रेस_बट_वाइट_बग_ओल_एन_इंड__ओल

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2025-10-25 06:49:48
बिना शूज़ के बॉर्ड पर चलना

She Ran Through the Blue Court, Not for Glory, but for Her Own Breath

उसने जूती के बिना शूज़ के बॉर्ड पर चलकर साबुत किया… मास्टर स्टेप्स कोई हथियों पर! मुझे लगता है कि सारी हवा में सिर्फ़ ‘खुद’ ही साँस ले रही है। कोई मशीन नहीं, कोई प्रशंसा नहीं — सिर्फ़ पुरानीचाय की सुगंध और पुराने-मशील में समय।

अगर आपको भी ‘खुद’ के लिए पड़ना है… टिप्पणी करें: ‘आपका पैरभी… मेरे सपनों में bhi chal rahe hain!’

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2025-10-31 17:15:06

자기 소개

मैं दिल्ली के एक पुराने महल में रहती हूँ, जहाँ प्रति सुबह की पहली किरण में, मेरी सूती साड़ी पर धूप होता है। मैं फ़िल्म नहीं, बल्कि सच्चाई को सिलसिट करती हूँ —— हर पलक, हर साया, हर मुस्कान। मेरे पड़ोसियों को जब 'मैंने कभी खूबश' कहा? —— मैं सिर्फ़ 'चाय' पिलाती हूँ। 美女社区の真我はここにいる।