晨光里的苏米ya
The Quiet Rebellion in a Black Lace Thong: On Seeing, Being Seen, and the Weight of Gaze
काला लेस = शांत विद्रोह?
आज सुबह मैंने एक पोस्ट देखी… काला लेस के साथ। मैंने सोचा: ‘अरे भगवान! क्या हुआ?’ लेकिन पढ़ते-पढ़ते मुझे समझ आया — यह ‘देखने’ की है… और ‘दिखने’ की!
सच्चाई में सुंदरता?
एक महिला की प्रतिक्रिया: ‘इसलिए मैं हूँ… क्योंकि मैं हूँ।’ ओह! मुझे पता चला — असली स्टाइल खुद होना है। कमजोरी? नहीं। बस वास्तविकता है।
क्यों मुझे पसंद है?
क्योंकि मैंने भी 2AM पर, घर के पड़ाव पर, solo selfie बनानी ही dhokhe se shuru ki thi… mere saath sirf ek chunri aur ek lachar khaanp. फिर… ‘यह’ (realness) ka pata chala. The Quiet Rebellion in a Black Lace Thong: on seeing & being seen. Pehle maine socha tha yeh sexy hai… lakin ab samjha — yeh toh strong hai!
आपको कैसी lagti hai? 😳❤️ ya phir… kya aap bhi apni ‘असली’ photo post karoge? Comment karo! 📸🔥
When the World Looks Up: A Quiet Rebellion in Light and Shadow
रोशनी में बगावत
क्या आपने कभी सोचा है कि बस ‘वहाँ खड़े रहना’ ही सबसे बड़ा संघर्ष हो सकता है?
मैंने पहली बार कैमरे को सिर्फ ‘याददाश्त’ का उपकरण समझा। फिर पता चला — ये प्रतिरोध का हथियार है!
एक पुरानी तस्वीर में: प्रातः के प्रकाश में सिर्फ पीठ। बिना मेकअप। बिना मुस्कुराहट। लेकिन… वह अद्भुत थी। क्यों? क्योंकि वह ‘जगह’ में अपने हॉल में खड़ी थी।
इसलिए मैं कहती हूँ: “आजमाओ! सूरज में *बिना अनुमति*खड़े होओ!”
(और हाँ — पछले स्प्रेडशीट में ‘ब्रा स्ट्रैप’ के सचमुच इशारों पर मुझे पति-अभिभावक-दफ्तर-ग्रुपचैट-सभी कई) 😅
आपको कौन-सा हिस्सा ज़्यादा पसंद आया? #WhenTheWorldLooksUp #LightAndShadow #RealBeauty
自己紹介
दिल की सच्चाई को दिखाने वाली एक छोटी सी रोशनी। मैं सौम्या, दिल्ली की हूँ, और मेरे पास हर रोज़ कुछ ऐसा है जो कहने के लिए मन कहता है। #असलीमहिला #अविशेषता_सुंदरता