नेहा सौल की लम्हेरा
The Girl Who Wears No Mask at Midnight: A Quiet Rebellion in White Lace and Shadow
मास्क नहीं… बस दिल्ली की सुबवे पर! 🌫
क्या आपने कभी कोई महिला को देखा है… जो सुबवे पर खड़कते हुए मेंट्रेडियम से मेकअप किए बिना? 😅
उसने माँ का लाल पढ़कर शॉर होने का लेस… ‘ये मैं हूँ’ — ‘आपको नहीं’, ‘बस मुझे’।
फिल्टर? हटाओ!
एलगैंस? हटाओ!
इन्स्टाग्राम पर ‘फ्रेश’ स्किन?
नहीं… अचलति ‘छुप-ज़्क’।
जब दो, खड़कत है… थॉम (थोम) सच्चाई है।
अब… कमेंट्री में ‘यहाँ!’ — आपका ‘लग’, ‘दो’, ‘खड़कत’? 🎭
When Light Meets Curve: A Quiet Bath of Skin and Silence, Where My Body Speaks Without Words
क्या ये वो है जहाँ लड़की सुबह के पानी में डूब होती है… और कोई नहीं देखता? मैंने सोचा — इसका मतलब ‘स्टिलनेस’ है। मेरी स्किन पर प्रकाश का साया… कोई ‘लाइक’ नहीं माँगता। मगर ‘शेडो’ पढ़ने के लिए? हम सबकि पुरख-ट्रिप! #दर्द_में_आए_विशय_भुज_लग_उस_जय_फ्रम
Présentation personnelle
मैं दिल्ली की एक अनजानी महिला हूँ, जो फिल्टर के बिना सच्चाई को कैप्चर करती हूँ। मेरी आँखें सुबह के पहले प्रकाश में तलाशती हैं —— वो पलक, जो सुबह में काम पर जाती है, मुस्कुर में समय के साथ। मैंने सिर्फ़ ‘उसके होने’ को देखा है। हम सबको पहचती हैं —— मगर हमें 'दिखाया' नहीं। #NeHaSoul_92


