静かなる朝の詩
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মা কি শুদ্ধ করেছিল?
আমি যখন মা’র হাতে শাড়ি বেঁধেছিলাম—স্টোক-বাংলা’র ‘ইয়ুকি’-এর 77টি frame-এর মধ্যেই।
ফিল্টার? না। লাইক? না। ক্লিক? না।
শুধ্ধভাবেই… পথের শীতল গল্প হাতে পড়ত!
আপনারও “মা”-এর অসহযোগ? কমেন্টারে যখন?

Коли тиша — не лайк, а сльоза
Вона не робить лайки — вона робить сльози на шовку.
Це не фільтр для соцмереж — це плачущий соня на кухні за обiдачим;
77 кадрів? Не контент. Це дихання між биттями серця.
Ти шукаєш красу? Ні. Ти чукаєш тиші? Так.
Я бачила це… і тепер я знаю: справжня краса — це коли ніхто не кликає, але всі чують.
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اسے دیکھ کر توہاں کچھ سمجھا؟! اُس نے توہاں کو ‘میر بِٹ بِیب’ نہیں بلکہ ‘خَامشِی رات’ کہا… 77 فریمز؟ نہیں، 77 سانسز! وہ کامرا پر نہیں مسکڑ رہی، بلکہ خَامشِ لائنن پر! جب تُو گُلْدینٹ سے بَال کھُتَا ٹائپس دَلْتَا تَلْدَا؟ واقع میں وہ تو نے صرف اُتّا دِتّا… توء حَمْشِ لائنن پر لائنٗ دے تَلْدَا؟! اب باتھ آف فِکر آف تُوء شِپ، ڈاؤن لائنٗ دے تَلْدَا؟! تم لوگ کتنے زبر طرح سے اِس جمل عجوب سنگنا؟ !

